अविनाशी खुद जाने माने, कमल पात सा रह जायें। अविनाशी खुद जाने माने, कमल पात सा रह जायें।
हो सहायक एक- दूजे के ध्यान रखना ही है सदा, कृपा दृष्टि प्रभु की रहे रघु-कंचन पर सर्वदा हो सहायक एक- दूजे के ध्यान रखना ही है सदा, कृपा दृष्टि प्रभु की रहे रघु-कंचन ...
नर की नारायणी है मां सेवारत रहते जो, जीवन जाता संवर। नर की नारायणी है मां सेवारत रहते जो, जीवन जाता संवर।
आज ही के दिन गंगा मइया, धरती पर अवतरित हुई।। आज ही के दिन त्रेता युग की, इस जग में शुरुआत ह... आज ही के दिन गंगा मइया, धरती पर अवतरित हुई।। आज ही के दिन त्रेता युग की, ...
बनकर सपनों का अन्वेषी निज, मन को ठगता मैं आया। कविता का वरदान विधी ने बनकर सपनों का अन्वेषी निज, मन को ठगता मैं आया। कविता का वरदान विधी ने
ये ही तो जीवन धन हैं, करो न इनकी बरबादी... ये ही तो जीवन धन हैं, करो न इनकी बरबादी...